व्यापारी सम्मेलन में जी एस टी सरलीकरण को लेकर करदाता लामबंद व्यापारियों का शोषण रोका जाए- व्यापार मंडल

व्यापारी सम्मेलन में जी एस टी सरलीकरण को लेकर करदाता लामबंद व्यापारियों का शोषण रोका जाए- व्यापार मंडल

अमृतसर – पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के प्रधान प्यारे लाल सेठ एव्यापारी सम्मेलन में जी एस टी सरलीकरण को लेकर करदाता लामबंद व्यापारियों का शोषण रोका जाए- व्यापार मंडलवंम् महामंत्री समीर जैन ने बताया की मंडल द्वारा ४ मृतसर में व्यापारी
सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें विशेष तौर पर नेशनल ट्रेडर्स वेलफेयर बोर्ड भारत सरकार के चेयरमैन सुनील सिंगही एवंम् सुनील मेहरा मेंबर नेशनल ट्रेडर्स वेलफेयर बोर्ड एवंम् महामंत्री पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल ने शिरकत कर व्यापारियों की समस्याओं को सुना एवंम् इसके समाधान के लिए बोर्ड द्वारा प्रयास का आश्वासन दिया। व्यापारी सम्मेलन में मंडल की ज़िला इकाइयों के साथ | मृतसर की 42 व्यापारी संगठनों ने भाग लिया। व्यापारी सम्मेलन में निम्नलिखित मुद्दों पर सरकार को ध्यान
देने को कहा गया:

  1. जी एस टी थ्रेशहोल्ड सीमा के संदर्भ में: जिन फर्मों की वार्षिक टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपए से कम है, उनमें से कुल जी एस टी पंजीकरण का 84 प्रतिशत हिस्सा है, लेकिन उनका कर संग्रहण में केवल सात प्रतिशत योगदान है। इसलिए वस्तु और सेवा कर
    परिषद को जी एस टी की छूट सीमा को वार्षिक टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपए तक बढ़ाने पर विचार करना चाहिए, जि
    व्यवस्थापन में आसानी हो सके। यह नई सीमा GST प्रणाली पर भार को कम करेगी, जिसमें 8 ब 1.4 करोड़ करदाताओं के
    बजाय केवल 23 लाख करदाता शामिल होंगे।
  2. व्यापारी विकास के लिए मेंटरशिप प्रोग्राम: नेशनल ट्रेडर्स वेलफेयर बोर्ड द्वारा एक मेंटरशिप प्रोग्राम की शुरुआत की जानी
    चाहिए। इस प्रोग्राम का उद्देश्य व्यापारी और उद्योगपतियों दोनों को उनके व्यवसायों को सुधारने के लिए मार्गदर्शन, उद्योग ज्ञान और रणनीतिक सलाह प्रदान करना होना चाहिए ।
  3. जी एस टी की सरलीकरण: वस्तु और सेवा कर जी एस टी एक महत्वपूर्ण सुधार है, लेकिन इसकी जटिलता बहुत सारे व्यापारी
    और उद्योगपतियों के लिए एक चुनौती बनी हुई है। नेशनल ट्रेडर्स बोर्ड से नुरोध किया गया कि वे संबंधित | धिकारियों के साथ
    मिलकर जी एस टी प्रक्रिया और विधियों को सरलीकृत करने के लिए प्रयत्न करें ताकि छोटे व्यवसायों के लिए 8 नुपालन सुगम हो
    सके और जी एस टी दरों को कम किया जा सके।
  4. जिले के स्तर पर व्यापार बोर्ड के सदस्यों की वृद्धिः प्राथमिक स्तर पर बेहतर प्रतिनिधित्व और समन्वय सुनिश्चित करने के
    लिए, व्यापारी कल्याण बोर्ड के सदस्यों और समितियों की संख्या को जिले के स्तर तक बढ़ाना चाहिए। इससे स्थानीय स्तर पर और अधिक स्थानीय निर्णय लिया जा सकेगा और विभिन्न क्षेत्रों में व्यापारी और उद्योगपतियों को प्रतिष्ठानुपूर्ण चुनौतियों का सही
    से सामना करने में मदद मिले।
  5. कॉर्पोरेट सेक्टर और एम एस एम ई व्यापारी के बीच आयकर स्लैब का भेदभाव: वित्तीय प्रोत्साहन के रूप में, कॉर्पोरेट सेक्टर के लिए आयकर स्लैब दर को 30% से 22% तक कम किया गया परन्तु आयकर स्लैब एल एल पी एच यू एफ और
    पार्टनरशिप कंपनियों के लिए 30% ही है इस भेदभाव को समाप्त सभी कंपनियों के लिए आयकर स्लैब 30 प्रतिशत
    निर्धारित किया जाए।
  6. वरिष्ठ नागरिकों के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा योजना: वरिष्ठ व्यापारी नागरिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना लागू की जाए,जैसे कि यूएसए, यूके और कैनाडा में होता है, जहां सरकार वित्तीय मदद प्रदान करती है वरिष्ठ नागरिकों को जिन्होंने व पने
    व्यवसाय या सेवा के माध्यम से योगदान किया है। एक व्यापारी जो | पने देश के विकास के लिए आयकर, जी एस टी और
    विभिन्न |न्य करों के रूप में लाखों और करोड़ों रुपए दे रहा है, उसे 65 वर्ष की आयु के बाद राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा प्रणाली के तहत पेंशन सहायता प्रदान की जानी चाहिए। ४ गर उसका व्यवसाय टूट जाता है, तो उसके पास आयु बढ़ने के बाद
    •जीवन बिताने के लिए कुछ भी नहीं होता।
  7. व्यापारी वर्ग के लिए मजबूत बीमा योजना: एम एस एम ई व्यापार क्षेत्र में शामिल व्यक्तियों के लिए एक मजबूत बीमा योजना लागू की जाए। 10 लाख की मेडिकल इंश्योरेंस जी एस टी पंजीकृत और आयकर करदाता के परिवार के लिए होनी चाहिए ।
  8. समान बिजली दरें: देश में व्यापार और उद्योग के लिए एक बिजली दर होनी चाहिए। एक राष्ट्र एक टैरिफ की जरूरत है
    इंडस्ट्री के साथ कमर्शियल बिजली दरें एक सामान की जाए।
  9. पंजाब के सीमा जिलों के लिए विशेष आर्थिक पैकेज: पंजाब के तरराष्ट्रीय सीमा से सटे जिलों के लिए हिमाचल एवंम् जम्मू
    कश्मीर की तर्ज पर आर्थिक पैकेज की घोषणा की जाए।
  10. राष्ट्रीय व्यापारियों की नीति के संदर्भ में: भारत में व्यापार को बढ़ावा देने और उन्हें आधुनिक व्यापार और ई-कॉमर्स के साथ
    प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए एक व्यापारी नीति का संपूर्ण निर्माण महत्वपूर्ण है। इस नीति में प्रौद्योगिकता | पनाने के लिए वित्तीय
    सहायता, डिजिटल ग्राहक सशक्तिकरण प्रशिक्षण, और बाजार पहुंच शामिल होना चाहिए। विनियामक प्रक्रियाओं को सरल
    बनाने, उपभोक्ता जागरूकता को प्रोत्साहित करने, और सस्ते क्रेडिट की पहुंच प्रदान करने में यह नीति सहायक होना आवश्यक
    है। डेटा सुरक्षा, बाजार सुधार, बुनियादी ढांचा विकास, और 8 नुसंधान और विकास को समर्थन की प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
    इन माध्यमों के माध्यम से पारंपरिक और आधुनिक व्यापार को संतुलित करने से केवल पारंपरिक व्यापारियों को ही नहीं उधारने,
    बल्कि समग्र आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
  11. व्यापारीयों के लिए बैंक व्याज सब्वेंशन: व्यापारीयों के लिए 2% बैंक ब्याज सव्वेंशन दिया जाना चाहिए, एम एस एम ई ट्रेडर
    की एन पी ए दर न्यूनतम स्तर पर है । गर इसे कॉर्पोरेट के एन पी ए ( नॉन परफार्मिंग एसेट) से तुलना की जाए तो नामांतर है, देश
    में रोज़गार का मुख्य साधन एम एस एम ई ट्रैडर है तो इसे बढ़ावा देने हेतु इनकी उन्नति के लिए इन्हें सस्ते ब्याज दर पर ऋण
    उपलब्ध कराया जाना चाहिए ।
  12. व्यापारीयों के लिए प्रदर्शनी नुदान: व्यापारीयों को एमएसएमई के तहत शामिल किया जा चुका है लेकिन उन्हें उद्योग के तहत
    दिए जाने वाले प्रदर्शनी 7 नुदान का लाभ नहीं होता है, जैसा कि एमएसएमई के तहत दिया जाता है। इस समानता को
    व्यापारीयों के समग्र विकास के लिए त कर देना चाहिए।
  13. व्यापार के लिए लाइसेंस: सभी वाणिज्यिक लाइसेंस को ऑनलाइन एवंम् आजीवन बनाया जाना चाहिए ताकि व्यवसाय
    मालिकों का उत्पीड़न और भ्रष्टाचार को खत्म किया जा सके।
  14. ई-कॉमर्स को नियमित करें: सरकार ई-कॉमर्स को नियमित करें, स्थानीय बाजारों से जोड़े, ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा
    व्यापारियों का शोषण रोका जाए, ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा सस्ता माल बेच प्रतिस्पर्धा में घरेलू बाज़ारों को पीछे करने की
    कोशिश पर पूर्ण प्रतिबंध लगना चाहिए ।
  15. स्मार्ट सिटी के तहत नए व्यापार हब: सरकार द्वारा प्रदान किए जाने वाले स्मार्ट सिटी मिशन के तहत नए व्यापार हब बनाने
    और छोटे व्यापारियों और सड़क विक्रेताओं के लिए सस्ती दुकानों का प्रबंध किया जाना चाहिए ।
  16. आयकर छूट के संदर्भ में: महंगाई के बढ़ने के कारण आयकर छूट सीमा को दस लाख रुपए तक बढ़ा दिया जाना चाहिए ।
  17. पट्टी मखु रेल लिंक के संदर्भ में: पट्टी-मख्खु रेल लिंक प्रोजेक्ट का निर्माण जल्द किया जाना चाहिए जो लंबे समय से बाधित है
    रेल मंत्रालय द्वारा इस प्रोजेक्ट पर बजट काफ़ी समय पहले ही आवंटित हो चुका है।
  18. मेडिकल इंश्योरेंस के संदर्भ में महात्मा गांधी सरबत सेहत बीमा योजना और प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ सभी
    व्यापारियों को दिया जाना चाहिए।
    19.शॉल्स एवंम् रैडीमेड गारमेंट्स पर 5% की एकल जी एस टी दर की मांग: एचएसएन कोड 6214 एवंम् 6211 के एतर्गत
    शॉल्स एवंम् रेडीमेड गारमेंट्स को जी एस टी की दो दरों में वर्गीकृत किया गया है, यानी 1000 रुपए की मूल्य तक @5% और
    1000 रुपए के ऊपर @12% है इस | समानता को ख़त्म कर शॉल्स एवंम् रेडीमेड गारमेंट्स पर एक जी एस टी दर 5 प्रतिशत
    होनी चाहिए।
    इस मौके पर पर व्यापार मंडल के कोषाध्यक्ष एस के वधवा, उपाध्यक्ष रंजन | बलबीर भसीन,ग्रवाल, महामंत्री एल आर सोढी, वरिंदर रतन, दर्शन
    महाजन, पवन गुजरा, चंकित सेतिया, जसविंदर सिंह प्रिंस, राजेश थरेजा, पवन गुजरा, संदीप खोसला, राजेंद्र गोयल, ओ पी बुलानी, मोती भाटिया, रवि | रोड़ा, राजीव | नेजा, मुकेश माही, दिपक मेहरा, प्रियंका गोयल, राजीव खन्ना,
    दिपक खन्ना, पवन धवन, कपील चड्डा आदि उपस्थित थे ।
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