हरि अनंत, हरि कथा अनंता, राम अनंत है उनकी कथा भी अनंत है। — ममतामयी श्री राधे माँ….. यह शिलान्यास नहीं सभी देशवासियों का महापर्व है।

    सबला उत्कर्ष समाचार प्रतिनिधि

नई दिल्ली

आज अयोध्या में श्रीराम मंदिर का भूमि पूजन हो रहा है। मंदिर का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा होगा। इस शिलान्यास की तैयारियाँ जोरों पर है। शासन और प्रशासन इस ऐतिहासिक पल में कोई कमी नहीं रखना चाहता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद कई बार अयोध्या पहुंचकर तैयारियों का जायजा ले चुके हैं।

      वहीं दूसरी ओर भूमि पूजन के लिए देश के सभी प्रमुख तीर्थस्थलों, राष्ट्रीय महत्व के स्थानों और पवित्र नदियों से पावन मिट्टी और जल, भव्य मंदिर के निर्माण हेतु अयोध्या में पहुंच गई है। श्री बद्रीनाथ धाम, छत्रपति शिवाजी महाराज के किला रायगढ़, श्री रंगनाथस्वामी मंदिर, तमिलनाडु, श्री महाकालेश्वर मंदिर, हुतात्मा चंद्रशेखर आजाद व बलिदानी बिरसा मुंडा की जन्मभूमि सहित सभी तीर्थों और बलिदानी वीरों के प्रेरणा स्थलों से मिट्टी, जल और अन्य वस्तुएँ अयोध्या पहुँच चुकी हैं।

ऐतिहासिक दिवस

श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण का शुभारंभ हो रहा है इसलिए पाँच अगस्त की तिथि बड़ी ही ऐतिहासिक हो गई है।

      इस ऐतिहासिक अवसर पर ममतामयी श्री राधे माँ ने कहा कि — ‘‘हरि अनंत, हरि कथा अनंता।’’ सबसे पहले श्रीराम की कथा हनुमानजी ने लिखी थी, फिर महर्षि वाल्मीकि जी ने। वाल्मीकि जी राम के ही काल के ऋषि थे। उन्होंने राम और उनके जीवन को देखा था। राम भगवान श्रीरामचंद्र हिंदू सनातन धर्म के सबसे पूज्यनीय सबसे महानतम् देव माने जाते हैं। उनका व्यक्तित्व, मर्यादा, नैतिकता, विनम्रता, करूणा, क्षमा, धैर्य, त्याग तथा पराक्रम का सर्वोत्तम उदाहरण माना जाता है। श्रीराम का जीवनकाल एवं पराक्रम महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित संस्कृत महाकाव्य रामायण के रूप में वर्णित हुआ है।

जाति, धर्म राजनीति से ऊपर राम का नाम

ममतामयी श्री राधे माँ ने कहा कि राम सर्वत्र है सभी के हैं। अच्छे के भी हैं बुरे के भी हैं। ऋणी के भी हैं, दानवीर के भी है। मेरे भी हैं, तुम्हारे भी हैं। राम नाम ही सत्य है, राम ही सर्वत्र है। एक बार फिर ममतामयी श्री राधे माँ ने कहा– ‘‘हरि अनंत, हरि कथा अनंता।’’ राम अनंत है उनकी कथा भी अनंत है। माँ के अनुसार राम के बारे में जितनी भी बात करें कम है या हम यह कह सकते हैं, कि राम के संपूर्ण स्वरूप को जानना, हमारे या किसी मानव, देवी-देवता के बस की बात नहीं। राम का जीवन हमें, हमारे जीवन का राग, संगीत, कला, उद्देश्य और लक्ष्य देता है। राम के जीवन का अनुसरण सभी मानवों को करना चाहिए और राम के जीवन से प्रेरणा लेकर उसका पालन भी करना चाहिए।

संपूर्ण देशवासियों के लिए गौरव का दिन

      ममतामयी श्री राधे माँ ने कहा कि यह दिन संपूर्ण देशवासियों के लिए गौरव का दिन है। इस दिन का इंतजार देश के सभी 130 करोड़ देशवासी कर रहें थे। जिनमें हिंदु, मुस्लिम, सिक्ख और ईसाई सभी शामिल हैं। यह शिलान्यास इन सभी लोगों का पर्व है। श्रीराम की प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है। श्रीराम ने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता-पिता, यहाँ तक कि पत्नी का भी साथ छोड़ा। इनका परिवार आदर्श भारतीय परिवार का प्रतिनिधित्व करता है।

29 साल बाद राम का दूसरा वनवास खत्म

      ममतामयी श्री राधे माँ ने बताया कि राम के पिता दशरथ ने उनकी सौतेली माता कैकेयी को उनकी किन्हीं दो इच्छाओं को पूरा करने का वचन (वर) दिया था। कैकेयी ने दासी मंथरा के बहकावे में आकर इन दो वरों के रूप में राजा दशरथ से अपने पुत्र भरत के लिए, अयोध्या का राजसिंहासन और राम के लिए चौदह वर्ष का वनवास माँगा। पिता के वचन की रक्षा के लिए राम ने खुशी से चौदह वर्ष का वनवास स्वीकार किया। पत्नी सीता ने आदर्श पत्नी का उदाहरण देते हुए पति के साथ वन जाना उचित समझा। भाई लक्ष्मण ने भी राम के साथ चौदह वर्ष वन में बिताए, लेकिन आज कलयुग में राम का वनवास 29 साल बाद खत्म हुआ है।

भाई नरेंद्र मोदी को साधूवाद

ममतामयी श्री राधे माँ ने राम मंदिर के निर्माण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साधूवाद दिया है। माँ ने कहा जो कार्य सालों से लंबित था उसे मोदी जी ने पूर्ण किया। उन्होंने देश की जनता को किया अपना वादा निभाया। मोदी जी ऐसे नेता है जो सत्य के साथ है और जहाँ सत्य होता है वहाँ विजय होती है और जहाँ विजय होती है वहाँ ईश्वर होता है और जहाँ ईश्वर होता है वहाँ सद्ज्ञान, कल्याण और परोपकार होता है और जहाँ यह सब होता वहाँ भाई नरेंद्र मोदी जैसा व्यक्ति होता है जो कार्य पूर्ण करता है। यह शिलान्यास नहीं सभी देशवासियों का महापर्व है।

ममतामयी श्री राधे माँ

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