सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक के भ्रष्ट भूतपूर्व जी.एम राजेश गोयल को बचाने में जुटे पी.एन.बी के आला अधिकारी
मामला सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक की गुड़गांव स्थित माता शीतला रोड़ से जुड़े 10 करोड़ के हाउस लोन जुड़ा है जिसे तमाम नियमों व क्षेत्रीय कार्यालय की अनेकों आपत्तियों के बावजूद स्वीकृत किया गया था। इस खाते से जुड़े कुछ अहम पहलू जिन्हें दरकिनार किया जा रहा है, निम्नलिखित हैं :-
सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि इसे हाउसिंग लोन के तहत फाइनेंस किया ही नहीं जा सकता था। यह लोन व्यवसायिक प्रापर्टी के कैटेगरी में किया जाना चाहिए था, इसे हाउसिंग लोग की कैटेगरी में स्वीकृत कर करीब 3 प्रतिशत ब्याज का अनावश्यक लाभ पार्टी को पहुंचाया गया।
स्वीकृति पत्र की शर्त (e) के अनुसार पार्टी द्वारा 12 महीने में Equitable Mortgage न करवाने की दशा में 1% ब्याज ज्यादा चार्ज किया जाना चाहिए था। जोकि जनवरी 2019 में ब्रांच अधिकारियों चार्ज किया गया (रु. 990787/- दिनांक 10-01-2019) परन्तु राजेश गोयल व चेयरमैन ए.के.नंदा ने अपने प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए इनमें से रु. 936760/- दिनांक 30-03-2019 को वापस करवा दिया। इसके बाद इसको पुनः दिनांक 14-11-2019 को 995829/- लगाया गया। यह ब्याज सिर्फ 12-12-2017 से 11-12-2018 तक चार्ज किया गया है जबकि यह राशि आज तक चार्ज की जानी चाहिए थी। इस 1% ब्याज की लगभग 10 लाख रुपये की राशि वसूली जानी अभी बाकी है।
स्वीकृति पत्र की शर्त (n) के अनुसार अन्य शर्तें पूरी न होने की दशा में 2% दण्डात्मक ब्याज का प्रावधान था। यह ब्याज था रु. 37,14,623/- जिसे शाखा अधिकारियों ने जैसे ही दिनांक 28-11-2019 को चार्ज किया तो अगले ही दिन उन्हें चार्जशीट की धमकी देकर वापस करवा दिया गया। बाद में जब दिनांक 31-12-2019 को फिर से यह ब्याज चार्ज किया गया तब यह राशि घट कर रु. 34,32,865/- हो गई जबकि वास्तविक राशि इससे बढनी चाहिए थी। इस 2% ब्याज की लगभग 8 लाख रुपये की राशि अभी भी वसूली जानी है।
हमारे द्वारा मामला मीडिया में उठाने व उच्च अधिकारियों को शिकायत किये जाने के बाद उस खाते में दण्डात्मक ब्याज लगाया तो गया परन्तु उसकी गणना ठीक से नहीं की गई है। यदि नियमानुसार हर महीने यह ब्याज चार्ज किया जाता तो इसकी राशि और ज्यादा होती। 1% व 2% को आधा अधूरा लगा कर मामले को दबाने का प्रयास किया गया जबकि व्यावसायिक प्रापर्टी को हाउसिंग लोन की कैटेगरी में स्वीकृत कर इस तरह अवधि में जो 60 लाख का बैंंक को चूना लगवाया उसकी ओर ध्यान दिया ही नहीं दिया गया। अतः इस एक खाते में पार्टी को कुल 78 लाख का अनुचित लाभ दिये जाने का प्रयास किया गया व मामले में लिप्त राजेश गोयल व ए.के.नंदा पर कोई भी कार्यवाही न कर इन्हें साफ निकलने दिया जा रहा है।
इस मामले में एक और महत्वपूर्ण बात ध्यान देने योग्य है कि इस लोन को जब टेक-ओवर किया गया जब वहां पर इस लोन पर 24% ब्याज वसूला जा रहा था। मतलब पार्टी को अनुचित लाभ देने की भी कोई सीमा होती है। यदि सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक इसे व्यावसायिक कैटेगरी में भी करता तो भी इसे 12.5% ब्याज दर किया जाता। तो इतनी मेहरबानी क्यों हुई ? इसका जवाब किसी के पास नहीं है।