सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक के पूर्व प्रबंधन ने भारत सरकार के नियमों की उड़ाई धज्जियां।

सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक के पूर्व प्रबंधन ने भारत सरकार के नियमों की उड़ाई धज्जियां।

गुडगांव : सबला उत्कर्ष ब्युरो – भारत में कार्यरत सभी ग्रामीण बैंक आर.आर.बी अधिनियम 1975 के तहत संचालित हैं। इस अधिनियम की धारा 29 के अनुसार इनमें भर्ती एवं प्रोमोशन संबंधित नियम बनाने व उनमें संशोधन का अधिकार भारत सरकार को है। वर्तमान मे यह नियम 2010 में बनाए गए थे जिसकी गज़ट नोटीफिकेशन सभी ग्रामीण बैंकों पर लागू है एवं सर्व हरीयाणा ग्रामीण बैंक इनका पालन करता है।

इन नियमो के संशोधन तो दूर व्याख्या का अधिकार भी केन्द्र सरकार के पास नाबार्ड की सहमति से है। लेकिन जब मलाई मिलती हो तो अपने अधिकारो की सीमा लांघी जाती है और कुछ ऐसा होता है कि सभी चुप हो जाते हैं।

हरियाणा में जिस तरह से जे.बी टी टीचरों की भर्ती मैं घोटाला हुआ था, उससे भी बड़ा घोटाला सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक में हुआ है। 2014 मे उस समय जब मोदी जी इन्टरव्यू खत्म कर रहे थे यहा बैंक के भ्,ष्ट अफसरो ने अपनी तरफ से एक शर्त लगा दी की सफलता के लिए इन्टरव्यू मे 40% अंक जरूरी हैं। और यह अंक उन भ्रष्ट अफसरों की कृपा दृष्टि से मिलते थे। इस प्रकार कोई कितना काबिल हो अन्तिम निर्णय उन भ्रष्ट अफसरों के हाथ था जो अपने को किसी कानून के अधीन नही मानते है। इस प्रकार इन्होने प्रमोशन एवं सीधी भर्ती दोनो मे एक साथ गङबङ की। या तो लोगो को इन्टरव्यू की सूचना नही दी, या आने पर हजारी नही लगवाई या हाजिर लगाकर भगा दिया या फिर नम्बर तो उनके हाथ मे ही थे। 40% का मापदण्ड वही पूरा करता था जिसपर वे मेहरबान होते थे।कम अंक पाएग जो लोग पूरे देश से मेरिट में आए थे इस प्रकार के घोटाले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कई आईएएस अधिकारी आज भी सलाखों के पीछे हैं, जबकि सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक का पूर्व प्रबंधन खुला घूम रहा है

इसका पता 2014 में लगा जब पद व काबिल उम्मीदवार होते हुए काफी व्यक्ति प्रमोशन से वंचित रह गए। जब शिकायत की जाचॅ हुई तो पता लगा की सीधी भर्ती मे छेडछाड जैसी हरकत 25-03-2014 की मीटिंग मे करी थी। भारत सरकार ने चेतावनी दी एवं पीएनबी के विरूद्ध स्टरीक्चर पास किया पर बैंक ने अपनी गलती सुधार नहीं की। इस खेल में पी.एन.बी के जी.एम. राकेश गुप्ता व नाबार्ड के तत्कालीन चेयरमैन डा. हर्ष भानवाला भी शामिल रहे हैं अन्यथा इस घोटाले को अंजाम नहीं दिया जा सकता था। सन् 2015 में ग्रामीण बैंक के तत्कालीन चेयरमैन डा. एम.पी.सिंह व पी.एन.बी के जी.एम राकेश गुप्ता की ई-मेल द्वारा हुए पत्राचार से साफ है कि इस प्रकार के घोटाले को छिपाने के लिए बोर्ड के 17-08-2015 की मीटिंग के मिनिट भी बदले।

वर्ष 2014 में हुई प्रोमोशन के खिलाफ पीड़ित उम्मीदवारों ने जब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो फैसला उनके हक में आया। बैंक ने उन्हें 2014 में ही प्रोमोट तो मान लिया परन्तु गलत ढंग से प्रोमोट हुए अधिकारियों को न तो डिमोट किया गया । अनाधिकृत छेड़छाड़ को सुधारा गया।

भ्रषटाचार का यह खेल आज भी जारी है। इसी साल स्केल 4 की हुई भर्ती में भी तत्कालीन चेयरमैन ए.के.नंदा ने छेड़छाड़ कर भविष्य में होने वाली रिटायरमेंट के आधार पर भर्तियां सृजित की जबकि ग्रामीण बैंक भर्ती व प्रोमोशन नियमों के अनुसार ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। बदले नियमो के अनुसार 6 लोगों को भविष्य मे प्रोमोट कर दिया गया ।इतना करने के बाद भी प्रबंधन का पेट नहीं भरा और उन्होंने एक कैंडिडेट को तो परिणाम घोषित करने के बाद बिना साक्षात्कार के ही विनोद सिंघल को प्रमोट कर दिया जिसका पता 6 महीने बाद आए ट्रांसफर आदेश से लगा। बाकि सभी प्रमोशन तो बैंक के पोर्टल पर हुई पर यह बिना पद के, बिना इन्टरव्यू के,जो चेयरमैन के केबिन से हुई जिसके बारे में बैंक में चर्चा है कि इसमें मोटे पैसे का लेनदेन हुआ है।जो पद खाली दिखा कर उस पर जिस व्यक्ति की प्रमोशन की उसको आज तक उस पद पर नहीं लगाया
प्रबंधन का भ्रष्टाचार इस से ही जाहिर होता है कि जितनी भी पदोन्नति 2014 से 2020 तक स्केल 3 से स्केल 4 की गई और उन लोगों को स्केल 4 की ब्रांच में भेजा गया तो ज्यादातर ने वह ब्रांच स्केल 4 से 3 कर दी और आज क्षेत्रीय कार्यालय मुख्य कार्यालय में बैठकर समानांतर हेड ऑफिस चला रहे हैं।यह तो वही बात हो गई एक बार एक मुख्यमंत्री ने हरियाणा रोडवेज में अपनी सिफारिश से एक कंडक्टर भर्ती करवाया उस कंडक्टर से टिकट पंच करते समय टिकट फट जाती थी उसको पंच नहीं करनी आती थी तो उसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की गई तो उन्होंने कहा कि इसको निरीक्षक लगा दो निरीक्षक को तो टिकट फाढ़नी पड़ती है पंच नहीं करनी पड़ती।

मुकेश जोशी मुख्य समन्वयक सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक अधिकारी संगठन और गुड़गांव ग्रामीण बैंक कर्मचारी संगठन इस पूरे मामले पर सी.बी.आई जांच कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्यवाही करके ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों और उनके दलालों को सलाखों के पीछे भेजे जाने की मांग की।

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