दीपावली में लाखों रुपए के पटाखे ना जलाएं उसके बदले हर तबके के लोगों की पेन, पेन्सिल दे कर मदद करें – शैलेंद्र पासी…
नई दिल्ली : सबला उत्कर्ष ब्युरो :- आज दीपदान विषय पर सामाजिक कार्यकर्ता शैलेंद्र पासी जी ने कहा कि जो परिवेश व्यवहार और परंपरा राष्ट्रहित में ना हो उसका त्याग कर देना चाहिए।दीपदान विषय पर अपने विचार रखते हुए श्री पासी जी ने कहा कि दीपदान आज देश की जरूरत ही नहीं राष्ट्र विचार भी होना चाहिए। किसी भी देश के लिए धर्म और त्योहार उस देश की एकता और अखंडता को प्रदर्शित करती है।
उसे क्षेत्र , जाति और धर्म के आधार पर चिन्हित नहीं किया जाना चाहिए।दीपावली पर्व में हर वर्ष हजारों रुपए के पटाखे और दीए जलाए जाते हैं ।उनकी रोशनी कुछ देर में ही खत्म हो जाती है। फिर वही अंधेरा इस बार देश के सभी नागरिकों से अनुरोध करता हूं ।दीपावली में हजारों रुपए के पटाखे जलाने से बेहतर होगा कि देश के अंतिम पंक्ति में बैठे देश के उन समस्त नागरिकों के पास जाए वह किसी भी जाति, धर्म का हो और किसी भी क्षेत्र में रहता हो उन्हें पेन ,पेंसिल ,पट्टे , पाटन सामग्री दान में दे कर उनके खाली पड़े दिए हुए आपके द्वारा दी गई सामग्री तेल का काम करेगी।इससे हुआ उजाला न कभी कम होगा न कभी बुझेगा। दीपदान कर अपनी राष्ट्रीय जिम्मेदारी का निर्वहन करें। शिक्षित समाज ही अच्छे राष्ट्र का निर्माण कर सकता है।