कूल्हों की अर्थराइटिस की समस्या : अब युवाओं में भी सामान्य हो रही है ?
कूल्हों की अर्थराइटिस की समस्या : अब युवाओं में भी सामान्य हो रही है ?
सबला उत्कर्ष न्यूज :- अर्थराइटिस एक लगातार गंभीर होती स्वास्थ्य समस्या है, जो सामान्यतौर पर धीरे-धीरे शुरू होती है और समय बीतने से साथ गंभीर हो जाती है। इससे पीडि़त लोगों को अक्सर चलने में समस्या आती है, कुल्हे में अकडऩ या हल्के से लेकर तेज दर्द होता है। अगर सामान्य शब्दों में इसे समझाने का प्रयास करें तो, अर्थराइटिस तब होता है जब कुल्हे के जोड़ का स्थान संकरा हो जाता है और जो मुलायम ऊतक उसे घेरे हुए होते हैं वो सिकुडऩे लगते हैं और कड़े हो जाते हैं। यह स्थिति समय के साथ जोड़ों की टूट-फूट या कड़ी ट्रेनिंग के कारण मोटापा या अनुवांशिक कारण और कुछ अन्य कारणों से उत्पन्न होती है। मुंबई स्थित पी डी हिंदुजा हास्पिटल के वरिष्ठ आर्थोपेडिक सर्जन डा.संजय अग्रवाला के अनुसार अगर हम अपने कूल्हे के जोड़ की संरचना का परीक्षण करें, यह बॉल और सॉकेट का ज्वाइंट होता है और काफी गतिशील होता है। अर्थराइटिस में जब हम कूल्हे के जोड़ को हिलाते-डुलाते या खींचते हैं, तो उसमें दर्द होता है और जैसे-जैसे समय बीतता जाता है इसमें और अधिक अकडऩ आ जाती है और स्थिति ज्यादा खराब हो जाती है जिससे दर्द अधिक बढ़ जाता है। इसलिए माना जाता है कि कुल्हे का जोड़ सबसे सामान्य जोड़ों में से एक है, जो अर्थराइटिस से प्रभावित होता है। कूल्हे के अर्थराइटिस से संबंधित सामान्य लक्षण हैं:-कूल्हे के जोड़ में दर्द जिसमें सम्मिलित हैं-जांघों का बाहरी भाग और नितंब। सुबह-सुबह दर्द अधिक होता है, दिन चढऩे के साथ कम होता जाता है। चलने में कठिनाई होना। कूल्हे में अकडऩ। पीठ में दर्द जो जांघों से होकर घुटनों तक विकिरण करता है। डा.संजय अग्रवाला का कहना है कि अगर आपको संदेह है कि आपको कूल्हे का अर्थराइटिस है, तो तुरंत डायग्नोसिस कराएं। इसमें सम्मिलित हो सकते है। आपकी मेडिकल हिस्ट्री और शारीरिक परीक्षण-रेडियोग्रॉफी या एक्स-रे, यह निर्धारित करने के लिए कि जोड़ों में कोई आसामान्या तो नहीं है। एमआरआई/सीटी स्कैन, ब्लड टेस्ट।
नॉन-सर्जिकल विकल्प। आपके डायग्नोज के आधार पर, आपका सर्जन उपचार का प्रकार बताएगा जो आपकी स्थिति के लिए उपयुक्त होगा। कूल्हे के अर्थराइटिस के नॉन-सर्जिकल विकल्पों में सम्मिलित हो सकते हैं। सूजन कम करने वाली दवाईयां। जोड़ में सूजन को रोकने के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड के इंजेक्शन मांसपेशियों के लचीलेपन और शक्ति को सुधारने के लिए फिजियोथेरेपी और एक्सरसाइज प्रोग्राम। एन्कायलोसिंग अर्थराइटिस के लिए स्विमिंग (तैरना) एक शानदार एक्सरसाइज है। जिन मरीजों का भार अधिक है उनके लिए वजन कम करना। वॉकर या छड़ी आदि उपकरणों की मदद से चलने में आसानी होगी। कूल्हों के अर्थराइटिस वाले कई लोगों के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ती है। सर्जरी की मदद से दर्द कम हो जाता है, जीवन बेहतर हो जाता है और दिन-प्रतिदिन के कार्यों में कम समस्या होती है। मिनिमली इनवेसिव हिप सर्जरी यदि आपके कूल्हों के जोड़ क्षतिग्रस्त हो गए हैं या दर्द और सूजन के कारण चलना-फिरना मुश्किल हो गया है, इस स्थिति में यह सर्जरी इस का सबसे बेहतर विकल्प है। हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी सबसे ज्यादा सफल मॉडर्न ऑर्थोपेडिक सर्जरियों में से एक है और इसकी प्रक्रिया एक छोटे चीरे के साथ ही पूरी हो जाती है, जिससे रिकवरी में कम समय लगता है। हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी के दौरान सर्जन क्षतिग्रस्त हुए कार्टिलेज और हड्डी को बाहर निकाल कर उनकी जगह पर कृत्रिम हिस्सों का उपयोग करता है।